Facts About Shodashi Revealed

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Shodashi’s mantra encourages self-discipline and mindfulness. By chanting this mantra, devotees cultivate increased Handle over their views and steps, bringing about a more aware and purposeful method of existence. This profit supports personal development and self-willpower.

This classification highlights her benevolent and nurturing aspects, contrasting While using the intense and mild-intense natured goddesses inside the team.

काञ्चीवासमनोरम्यां काञ्चीदामविभूषिताम् ।

Shodashi is deeply linked to The trail of Tantra, in which she guides practitioners towards self-realization and spiritual liberation. In Tantra, she's celebrated as being the embodiment of Sri Vidya, the sacred expertise that brings about enlightenment.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥८॥

यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे

षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या

तरुणेन्दुनिभां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥२॥

देवस्नपनं मध्यवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

Therefore, the Shodashi mantra is chanted to produce 1 a great deal more eye-catching Shodashi and hypnotic in life. This mantra can adjust your lifetime in days as this is an extremely potent mantra. Just one who may have mastered this mantra becomes like God Indra in his everyday living.

Around the fifth auspicious working day of Navaratri, the Lalita Panchami is celebrated given that the legends say this was the working day if the Goddess emerged from fire to kill the demon Bhandasura.

श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु श्रियम् ॥१७॥

तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।

Reply ray February 26, 2021 Howdy sharma, Is that this doable to find out the place did you identified that specific shodashi mantra, as it is totally unique from unique and that is lengthier.

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